योगाभ्यास करने से पहले हमें कुछ नियम और सावधनियों का ख्याल रखना पड़ता है । और इन नियमो और सावधानियों का ख्याल रख के ही हमें योग शुरू करना चाहिए अगर हम इन नियमो का ध्यान नहीं रखते तो लाभ की जगह हमें कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ सकता है
योग करने के नियम और विधि : yog karne ke niyam or widhi
प्रात: सूर्यौदय का समय योग अभ्यास के लिए अच्छा माना जाता है । क्योकि प्रात: काल सूर्य से निकलने वाली किरणे हमारे अंदर ऊर्जा का संचार प्रदान करती है
योग अभ्यास के लिए स्थान स्वच्छ, शांत, हवादार और खुला होना चाहिए जैसे जी पार्क योगाभ्यास का स्थान समतल होना चाहिए आसन के लिए दरी या कम्बल का प्रयोग करे
आसन करते समय आरामदायक, ढीले कपडे पहने
आसन और क्रिया करते समय सम्पूर्ण ध्यान अभ्यास पर ही केंद्रित करे
किसी भी आसन को एक दम से नहीं करना चाहिए । पहले हलके व्यायाम करे ताकि शरीर कड़कपन समाप्त हो और शरीर लचीलापन आये।
योगाभ्यास हमेशा प्रशिक्षक की देख-रेख में ही करना चाहिए
किसी भी आसन को जबरदस्ती करने की कोशिश न करे।धीरे धीरे लगातार आसन अभ्यास करने से आसन सरल होता चला जायेगा और शरीर में लचीलापन आएगा
अगर आप किसी रोग के लिए आसन कर रहे है तो सकारात्मकता बनाये रखे की रोग ठीक हो रहा है
आसन करने से कुछ समय पहले एक गिलास गुनगुने पानी का क्योकि पानी हमारे हमारे स्ट्रेस लेवल को कम करता है और एकाग्रता बनाये रखने में सहायक होता है और मल को बाहर निकलने में सहायक होता है
आसन के अभ्यास से पहले पेट खाली होना चाहिए
योगासन का अभ्यास करने वाले को सुपाच्य व सादा भोजन करना चाहिए जैसे दूध फल हरी सब्जिया क्योकि "जैसा खाओ अन्न, वैसा बने मन "
योगासन /योग कब नहीं करना चाहिए,when not to exercise in hindi,yog kab nahi karna chahiye
मासिक धर्म के दिनों में योग नहीं करना चाहिए।
योग करने के तुरंत बाद नहाना नहीं चाहिए क्योकि व्यायम के बाद शरीर गरम हो जाता है जिसे की जुकाम या संक्रमण होने हो जाने का डर बना रहता है
किस रोग मैं कौन सा आसन करना है कौनसा सा आसन नहीं इसका खास ख्याल रखे अगर कोई रोग है तो योग प्रशिक्षक की देख रेख मैं ही करे ।
भोजन के तुरंत बाद योग न करे भोजन के हमेशा कम से कम 3 घण्टे के बाद ही योग करे इसके अलावा सुबह मैं खाली पेट ही योग करना चाहिए केवल व्रजासन ही ऐसा योग है जो खाने के बाद भी किया जा सकता है।
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